• इस पर विचार होना चाहिए कि कोई एक व्यक्ति "राष्ट्रपिता" कैसे हो सकता है ?

    साध्वी प्रज्ञा का "नाथूराम गोडसे" को देशभक्त बताने वाला बयान चर्चा में है। कांग्रेस के लोगों का विरोध तो स्वाभाविक ही है किंतु भाजपा के लोग भी इस विरोध में शरीक हो गए हैं। प्रेस भी अपनी पीपनी बजा रहा है अतः आवश्यक है कि इस पर चर्चा की जाए। 1947 में पूज्य मातृभूमि के विभाजन के तुरन्त बाद सबसे चर्चित...

  • न्यायाधीशों में बढ़ रहा वीआईपी होने का अहंकार ?

    पिक्चर बनाने में फ़ोटोग्राफ़ी की तकनीक बहुत महत्वपूर्ण होती है। लेखक, कवि की बुद्धि-क्षमता, डायरेक्टर का कौशल, साइट का आनंद, एक्टिंग का आनंद कैमरे की आँख से ही तो लिया जाता है। इसमें क्लोज़ अप, लॉन्ग रेंज शॉट, शैडो तथा लाइट का संयोजन इत्यादि अनेक तकनीकों का प्रयोग होता है। ज्ञातव्य है कि क्लोज़ अप का...

  • आज शालीनता अनुपयोगी हो गयी है ?

    कबाब पराँठा, बिरयानी, रोग़न जोश संभवतः बहुत स्वादिष्ट होते हैं। मैं इसका अधिकारी पारखी नहीं हूँ मगर इस निष्कर्ष पर पहुँचने का कारण यह है कि आज के दैनिक जागरण में कुलदीप नैयर का लेख "हद पार करती भीड़ की हिंसा" छपा है, जिसमें इसने अलवर के गौ-तस्कर अकबर के वध के कारणों की मनमानी व्याख्या, भारत में 17...

  • 2019 शंखनाद : वो गठबंधित हो रहे हैं "पक्ष आपको भी चुनना ही पड़ेगा"

    कई महीनों से मन में बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। सोशल मीडिया पर ख़ासी सक्रियता रखने वाले हम राष्ट्रवादी लोग अपनी समझ से जिसे राष्ट्र हित समझते हैं, के लिये काम करते हैं। यह पिछले 5-7 वर्ष की सक्रियता का परिणाम है। हम में से कई विद्वानों की लेखनी बहुत चोखी-तीखी और तेजस्वी है। परिणामतः उनकी पोस्ट सैकड़ों,...

  • सड़क पर नमाज़ या मजहबी दादागिरी : बढ़ रहा हैं विरोध

    आज कल गुरुग्राम {तद्भव नाम गुड़गाँव} में किसी सार्वजनिक स्थान में नमाज़ पढ़ते हुए सैकड़ों लोगों और उनके आगे "जय श्री राम" के नारे लगाते तरुणों का वीडिओ whatsapp पर बहुत वायरल हो रहा है। घटना गुरुग्राम के सैक्टर-53 के साथ लगते यादव बहुल वज़ीराबाद ग्राम की है। इसमें किसी सार्वजनिक खुली जगह पर कुछ सौ लोग...

  • ''Punish a Muslim Day" या 'सज़ा-ए-मुस्लिम दिवस' ?

    **''Punish a Muslim Day" या 'मुस्लिम पिटाई दिवस' का संदेश ब्रिटेन के बाद अब फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रेलिया के साथ पूरे यूरोप में फैला। 3 अप्रैल को ले कर पुलिस के साथ सेना भी हाई अलर्ट पर*** हिंदी की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली लेखिका शिवानी जी की एक कहानी से बात शुरू करना चाहूँगा। वो...

  • पीठ पर वार - योगी के गुनाहगार ?

    कुछ बातें इतिहास के गर्त में हैं। आइये इतिहास की धूल झाड़ कर तथ्य बाहर निकाले जाएं। गोरखपुर मूलतः 'हिंदुमहासभा' की सीट है यानी यह शुद्ध हिंदूवादी राजनीति के लोग हैं। "गाँधीवादी समाजवाद" का मुखौटा मजबूरी में लगाये हुए हैं। महंत दिग्विजय नाथ जी जो सावरकर जी अभिन्न थे, इस सीट से...

  • तहज़ीबी नर्गीसीयत: दु:खती रग पर ऊँगली

    "तहज़ीबी नर्गीसीयत" पाकिस्तान के वरिष्ठ चिंतक, लेखक, शायर मुबारक हैदर साहब की किताब है। इसका शाब्दिक अर्थ है कल्चरल/सांस्कृतिक नार्सिसिज़्म। बात शुरू करने से पहले आवश्यक है कि जाना जाये कि 'नार्सिसिज़्म' है क्या? यह शब्द मनोवैज्ञानिक संदर्भ का शब्द है जो ग्रीक देवमाला के एक चरित्र से प्राप्त हुआ है।...

Share it