तहज़ीबी नर्गीसीयत: दु:खती रग पर ऊँगली
न न न, यह मैं नहीं कह रहा बल्कि पाकिस्तान के एक चिंतक, लेखक, शायर मुबारक हैदर कह रहे हैं। मुबारक हैदर साहब की उर्दू किताबें तहज़ीबी नर्गीसीयत { सांस्कृतिक आत्मप्रवंचना }, मुग़ालते-मुग़ालते { भ्रम-भ्रम }, "Taliban: The Tip of A Holy Iceberg" लाखों की संख्या में बिक चुकी हैं। इन किताबों ने पाकिस्तान और भारत के उर्दू भाषी मुसलमानों की दुखती रग पर ऊँगली रख दी है।


X
न न न, यह मैं नहीं कह रहा बल्कि पाकिस्तान के एक चिंतक, लेखक, शायर मुबारक हैदर कह रहे हैं। मुबारक हैदर साहब की उर्दू किताबें तहज़ीबी नर्गीसीयत { सांस्कृतिक आत्मप्रवंचना }, मुग़ालते-मुग़ालते { भ्रम-भ्रम }, "Taliban: The Tip of A Holy Iceberg" लाखों की संख्या में बिक चुकी हैं। इन किताबों ने पाकिस्तान और भारत के उर्दू भाषी मुसलमानों की दुखती रग पर ऊँगली रख दी है।
- Story Tags
- तुफ़ैल चतुर्वेदी
- Tufailchaturvedi
0