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लेख

  • रूस-यूक्रेन विवाद का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन व ऊर्जा संकट ?

    जिस किसी को यह ग़लतफ़हमी है कि रूस और यूक्रेन का युद्ध टल चुका है वे निश्चित रूप से ग़लत हैं। शेयर बाज़ार के उतार चढ़ाव के भरोसे कूटनीतिक खेलों का आँकलन करना छोड़ दें! युद्ध न होने की स्थिति में भी सीमाओं पर सेनाओं के डटे रहने के नुक़सान भी युद्ध जैसे ही होते हैं। गोलबारी व बमबारी में तो मात्र...

  • उत्तर प्रदेश : कानून का भय और अनुशासन के राज की क्रमश: हो रही है वापसी

    योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश में अधुना दहशत और भय का माहौल सर्जाया है। ठिठुर रहे है कई लोग। मगर इसमें एक बड़ा अंतर है। मुख्यमंत्री की कर्मण्यता के कारण सिहरन उन लोगों में नहीं हो रही है जो सम्यक आचार करते हैं, नियम का पालन करते है। अहंकार भरे मनमानेपन से बाज आते हैं। छड़ी वहीं तक घुमाते है जहां...

  • जन-आंदोलन के नाम पर बढ़ती अराजकता : लोकतान्त्रिक समाज के लिए खतरा ?

    जन-आंदोलनों के नाम पर निरंतर बढ़ती हिंसक एवं अराजक प्रवृत्तियाँ लोकतंत्र के लिए घातक हैं, क्योंकि जैसे ही किसी भी प्रकार की मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के नाम पर आप अराजकता फैलते हैं समाज के उन अनगिनत लोगों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को अपने पैरो तले कुचलने लगते हैं जो इन आंदोलनों में आपके...

  • क्या सीमांचल में AIMIM की जीत विभाजन की मानसिकता की आहट है !!!

    मज़हबी कट्टरता या पृथक पहचान की राजनीति देश के लिए अच्छी नहीं।एआईएमआईएम के जीतकर आए विधायकों ने शुरुआत में ही अपने रंग दिखाने प्रारंभ कर दिए हैं। उन्हें वंदे मातरम बोलने और गाने से तो परहेज़ था ही, अब विधानसभा के शपथ-ग्रहण-समारोह में हिंदुस्तान बोलने से भी है। उधर राजनीतिक पंडितों द्वारा बिहार चुनाव...

  • "काफिर" कौन है ?

    ये ऐसा प्रश्न है जो गैर-मुस्लिमों के लिए लगभग 1400 वर्षों से अनुतरित है।काफ़िर के अर्थ पर मौलाना लोग और अक्सर मुस्लिम विद्वान सफ़ेद झूठ बोलते हुए पहले तो इस बात से साफ़ इंकार कर देते हैं कि काफिर से मुराद हिन्दू, ईसाई या यहूदी है; फिर दूसरा झूठ ये बोलते हैं कि काफ़िर "नास्तिक" को कहतें हैं। ये लोग...

  • "हरी सिंह नलवा" एक बाहुबली का स्मरण

    1699 में जब पिता दशमेश ने 'खालसा' सजाई थी तो उसके साथ विजय हुंकार करते हुए कहा था "राज करेगा खालसा, आक़ी बचे न कोई"। पिता दशमेश के इस "जयघोष" के संकल्प को मूर्त रूप देने को प्रस्तुत हुए "बाबा बंदा सिंह बहादुर" और "हरिसिंह नलवा"। एक ने उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से जो 'देबबंद' से शुरू होकर 'कश्मीर' तक...

  • #SelfieWithBajrangBali "हनुमान जयंती" पर विशेष

    कुछ वर्ष पूर्व कर्नाटक के रहने वाले 'करण आचार्य' ने "क्रोधित हनुमान" की एक पेंटिंग बनाई थी, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री 'श्री नरेन्द्र मोदी जी' ने भी की थी और उनके द्वारा प्रशंसा किये जाने के बाद अचानक यह पेंटिंग देश भर में सुर्खियों में आ गया था।OLA-UBER समेत निजी वाहन वाले हनुमान जी की इस तस्वीर को...

  • "तबलीगी जमात" मुस्लिमों का कट्टरवादी चेहरा

    70 वर्षों से देश मे तबलीगी जमात जैसे संगठन भी चल रहे थे।। लेकिन देश को अब पता चला। क्योंकि कांग्रेस, मीडिया, बुद्धिजीवी 70 वर्षो तक।। तबलीगी जमात, उलेमा हिन्द, जमीयत ए इस्लामी, PFI जैसे कट्टरपंथी संगठनों पर पर्दा डालकर इनकीं असलियत छुपाते रहे। ============= पाकिस्तान से नहीं बल्कि भारत से ऑपरेट कर...

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