ब्रह्मदत्त द्विवेदी और मायावती : गेस्ट हाउस कांड
उस समय कोई भी उन सपाई गुंडों से भिड़ने को तैयार न था यहाँ तक कि बहन जी की पार्टी के लोग भी गेस्ट हाउस छोड़कर भाग गए थे। उस समय खड़ा हुआ एक व्यक्ति जिसने हथियार से लैश गुंडों की परवाह किए बिना दरवाज़ा तोड़कर एक लट्ठ के बलपर मायावती जी की जान और इज़्ज़त दोनो बचाई। कौन था वो जाँबाज? उस सख्श का नाम था "ब्रह्मदत्त द्विवेदी" (मायावती के जीवन पर आधारित अजय बोस की किताब 'बहिन जी' के अनुसार) !


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उस समय कोई भी उन सपाई गुंडों से भिड़ने को तैयार न था यहाँ तक कि बहन जी की पार्टी के लोग भी गेस्ट हाउस छोड़कर भाग गए थे। उस समय खड़ा हुआ एक व्यक्ति जिसने हथियार से लैश गुंडों की परवाह किए बिना दरवाज़ा तोड़कर एक लट्ठ के बलपर मायावती जी की जान और इज़्ज़त दोनो बचाई। कौन था वो जाँबाज? उस सख्श का नाम था "ब्रह्मदत्त द्विवेदी" (मायावती के जीवन पर आधारित अजय बोस की किताब 'बहिन जी' के अनुसार) !
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