महाशिवरात्रि -2
कृष्ण ने उपमन्यु से शिव स्तुति की सीख ली, तप किया। कृष्ण को शिव के दर्शन मिले। कृष्ण ने कहा, "सहस्त्रों सूर्यों का सा तेज दिखाई पड़ा।" अर्जुन ने कृष्ण का विश्वरूप देखकर जो शब्द कहे थे, ठीक वही शब्द "दिव्य सूर्य सहस्त्राणि" कृष्ण ने शिव दर्शन के बाद कहे। फिर कहते हैं "जब मैंने भगवान हर (शिव) को देखा, मेरे रोंगटे खड़े हो गए। 12 आदित्य, 8 वसु, विश्वेदेव, अश्विनी कुमार आदि देव महादेव की स्तुति कर रहे थे। इन्द्र और विष्णु अदिति और ब्रह्मा शिव के निकट रथंतर सामगान कर रहे थे।"


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कृष्ण ने उपमन्यु से शिव स्तुति की सीख ली, तप किया। कृष्ण को शिव के दर्शन मिले। कृष्ण ने कहा, "सहस्त्रों सूर्यों का सा तेज दिखाई पड़ा।" अर्जुन ने कृष्ण का विश्वरूप देखकर जो शब्द कहे थे, ठीक वही शब्द "दिव्य सूर्य सहस्त्राणि" कृष्ण ने शिव दर्शन के बाद कहे। फिर कहते हैं "जब मैंने भगवान हर (शिव) को देखा, मेरे रोंगटे खड़े हो गए। 12 आदित्य, 8 वसु, विश्वेदेव, अश्विनी कुमार आदि देव महादेव की स्तुति कर रहे थे। इन्द्र और विष्णु अदिति और ब्रह्मा शिव के निकट रथंतर सामगान कर रहे थे।"
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