दिव्यांगों को मिले अवसर तो देश के विकास में अदा कर सकते हैं महत्वपूर्ण रोल

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दिव्यांगों को मिले अवसर तो देश के विकास में अदा कर सकते हैं महत्वपूर्ण रोलअधिवक्ता अनीता गुप्ता संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा "मां शक्ति इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन" को दिव्यांग रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया

दिव्यांग देश के लिए बोझ नहीं है दिव्यांग देश का एक विशिष्ट हिस्सा है, अगर उन्हें भी अवसर मिले तो भी अपनी योग्यतानुसार किसी भी क्षेत्र के विकास में सहयोगी बनाकर चमत्कार करके दिखा सकते हैं। क्योंकि यह विज्ञान ने भी प्रमाणित कर दिया कि अगर शरीर का एक अंग कमजोर है तो शरीर का कोई दूसरा अंग स्वतः ही नॉर्मल से अधिक विकसित और मजबूत हो जाता है। उनके अंदर बहुत टैलेंट है सिर्फ जरूरत है उसको निखारने की, उनकी प्रतिभाओं को समझने की, इसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास किया है मां शक्ति (सामाजिक संस्था) और प्रयास स्पेशल स्कूल एंड यंग इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ने ।

आज गांधी शांति प्रतिष्ठान में श्री अजीत वीर जी (अध्यक्ष - यंग इंडिया ऑर्गेनाइजेशन) के द्वारा "द लीजेंड ऑफ सुभाष चंद्र बोस अवॉर्ड-2019" का आयोजन किया गया। इस सम्मान समारोह में उन सभी दिव्यांगों को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से स्वयं दिव्यांग होते हुए भी अन्य दिव्यांगों के विकास एवं बेहतरी लिए काम किया।

इस अवसर पर अधिवक्ता अनीता गुप्ता संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा "मां शक्ति इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन" को दिव्यांग रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। आयोजकों ने ये सम्मान उनके द्वारा दिव्यांगों के किए गए अनेक सरहनीय कार्यों के लिए दिया । सुनील अग्रवाल जी जो कि एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर गवां चुके हैं लेकिन इसके बाद भी उनका नृत्य, मॉडलिंग और गायन किए गए कार्यों एवं समाज सेवा में उनकी सक्रियता को देखते हुए उनको भी दिव्यांग रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

अजीत वीर जी द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम लगातार पिछले कई वर्षों से दिव्यांगों को उनकी कला और प्रतिभा को सराहने किए जा रहे हैं।

"माँ शक्ति" लगातार पिछले कई सालों से दिव्यांगों को उनके हुनर को पहचान कर उनकी कला को तराश के उनको रोजगार दिलाने में सहायता प्रदान कर रही है। दिव्यांग भिखारियों के लिए उनकी एक स्पेशल स्कीम भी है "भीख नहीं रोजगार दो" माँ शक्ति का कहना है कि अगर सभी लोग भिखारियों को भीख देना बंद कर दे और भीख की जगह उनको छोटे-छोटे इस तरह के कार्य दें जिसे वे लोग कर सकें तो इस प्रकार हम भारत को बैगर्स फ्री इंडिया बना सकते हैं। दिल्ली सरकार ने इसी साल उनके इस प्रकार के कार्य को सराहते हुए सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट समाज कल्याण विभाग के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर भी अवॉर्ड दिया गया था। अनीता गुप्ता दिव्यांगों के साथ साथ सीनियर सिटीजन एंड पैरंट्स के वेलफेयर में भी काम कर रही है। संस्था द्वारा सीनियर सिटीजंस के लिए एवरग्रीन "एक नई पहचान" नाम से एक सीनियर सिटीजन होम चलाने की भी योजना है जिसके अंतर्गत सीनियर्स के अंदर जो हुनर टैलेंट है वह उसे शिक्षा के साथ ही अपने आने वाली पीढ़ी को भी अवगत कराएं ताकि जो कुछ नेगेटिविटी जो गलतियां सीनियर से हुई है उन गलतियों को वो युवा दोबारा ना दोहराएं।

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