असम में 'बिजली गिरने' से 18 हाथियों की दर्दनाक मौत! कारण संदेहास्पद?

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असम में बिजली गिरने से 18 हाथियों की दर्दनाक मौत! कारण संदेहास्पद?

हाथियों की इस प्रकार हुई दुःखद मौतों पर 'ग्रीन गार्ड नेचर ऑर्गनाइजेशन' (एक जीव संरक्षण समूह) ने हाथियों की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे कारण पर संदेह जताया है

असम के नगांव जिले के एक जंगल में बिजली गिरने से लगभग 18 हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि "असम के नागांव जिले में बामुनी पहाड़ियों के ऊपर कल रात हुई बारिश के दौरान बिजली गिरने से कम से कम 18 जंगली हाथियों को मृत पाया गया।"

सूत्रों के अनुसार राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अमित सहाय का कहना है कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, ऐसा ही प्रतीत होता है कि बीती रात बिजली गिरने से बिजली के झटके से जंबो की मौत हुई, लेकिन सटीक कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा, जो शुक्रवार को किया जाएगा ।

अमित सहाय ने कहा, "इलाका बहुत दुर्गम है और हमारी टीम गुरुवार दोपहर वहां पहुंच सकती है। यह पाया गया कि शव दो समूहों में पड़े थे। चौदह पहाड़ी के ऊपर पड़े थे और चार पहाड़ी के नीचे पाए गए थे।"

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एक वन अधिकारी ने कहा, "स्थानीय ग्रामीणों ने हमें हाथियों की मौत की सूचना दी। हम मौके पर पहुंचे और उन्हें जमीन पर पड़ा पाया। हमने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।"

आगे सूत्रों ने कहा कि इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है और समय आने पर मारे गए हाथियों की वास्तविक वजह और सही संख्या का पता चल जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने मंत्री को मौके पर जाकर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।

असम के पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा है कि उन्हें इस घटना से "गहरा दुख" है। श्री शुक्लाबैद्य द्वारा दिये गए एक बयान में बताया गया कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और अन्य अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा करेंगे। इसके अतिरिक्त वन और पशु चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम पहले ही साइट का दौरा कर चुकी है।

हालांकि, हाथियों की इस प्रकार हुई दुःखद मौतों पर 'ग्रीन गार्ड नेचर ऑर्गनाइजेशन' (एक जीव संरक्षण समूह) ने हाथियों की मौत के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे कारण पर संदेह जताया है।

ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, प्रथम दृष्टया, ये सभी मौतें "जिम्मेदार कारणों" के कारण नहीं लगती हैं।

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ऑर्गनाइजेशन के एक बयान में पूरी जांच की मांग करते हुए कहा गया है कि, "सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही तस्वीरों और वीडियो में कोई सबूत नहीं दिखाई दे रहा है।"

ऋतुराज फुकन (महासचिव, ग्रीन गार्ड नेचर ऑर्गनाइजेशन) के द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है, "हम पूरी दुनिया में संरक्षणवादियों और वन्यजीव प्रेमियों की चिंताओं को दूर करने के लिए पूरी तरह से और स्वतंत्र जांच का अनुरोध करते हैं।"

एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने यह भी कहा कि उन्हें यह विश्वास करना मुश्किल है कि बिजली का झटका इसका कारण हो सकता है। उन्होंने स्वीकार किया कि हालांकि हाथी इंसानों की तरह बिजली के झटके की चपेट में आ सकते हैं।

उन्होंने कहा, "हाथियों के एक-दूसरे से दूर 14 और चार के समूहों में मरने की सूचना है और एक ही झटके में मरने की थाह लगाना मुश्किल है। पोस्टमार्टम और संबंधित परीक्षाओं को कारण का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए," ।

उन्होंने कहा कि "संभावित कारण के रूप में विषाक्तता (जहर फैल जाना) को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि आसपास में चाय के बागान हैं और वे कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं," ।

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