भीमा कोरेगांव हिंसा केस में 5 माओवादी दिल्ली, मुंबई नागपुर से गिरफ्तार

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भीमा कोरेगांव मामला: पांच माओवादी पुणे पुलिस की गिरफ्त में.. कांग्रेस फाइनेंसर और कूटनीतिक मददगार के रूप में सामने आई.. जिग्नेश मेवानी, उमर खालिद... अनेक पाकिस्तान... कश्मीर के हिंसा समर्थकों के नाम भी कल एक प्रतिष्ठित "मीडिया चैनल" ने उजागर किये हैं....

पुणे पुलिस ने कल दिल्ली, मुंबई और नागपुर से पांच वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारियां इसी वर्ष पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के संबंध में हुई बताई जा रही हैं। आज सुबह पुणे पुलिस ने मुंबई, दिल्ली एवं नागपुर में एक साथ कार्रवाई की। मुंबई के गोवंडी इलाके से सुधीर ढवले नामक दलित कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया। नागपुर से वकील सुरेंद्र गॉडलिंग, महेश राउत एवं प्रोफेसर शोमा सेन को तथा दिल्ली से माओवादी नेता रोना विल्सन को गिरफ्तार किया गया। कुछ माह पहले ही इन सभी के घरों की तलाशी ली गई थी। माना जा रहा है कि पुलिस को तलाशी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर ही इन्हें गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन सभी ने भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को हुई हिंसा से पहले पुणे में ही पेशवाओं का निवास रहे शनिवारवाड़ा के बाहर 31 दिसंबर को एलगार परिषद आयोजित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

परिषद में दिए गए भाषणों के दौरान ही महाराष्ट्र को हिंसा की आग में झोंकने की भूमिका तैयार हो गई थी। पुलिस का मानना है कि ये हिंसा माओवादियों की सोची-समझी रणनीति का परिणाम थी। उक्त हिंसा के चंद दिनों बाद 12-13 जनवरी को भी हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रहे घाटकोपर इलाके से छह माओवादी कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए थे। इसी मामले में शिव प्रतिष्ठान, हिंदुस्थान संगठन के संस्थापक संभाजी भिड़े गुरुजी को भी गिरफ्तार करने की मांग लगातार की जाती रही है। यह मांग करने में रिपब्लिकन नेता प्रकाश आंबेडकर भी आगे रहे हैं।

मंगलवार को गिरफ्तार किए गए माओवादी अपराधियों का कच्चा चिट्ठा...

सुधीर ढवले: मंगलवार की सुबह करीब छह बजे सुधीर धवले को मुंबई के गोवंडी इलाके स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया। ढवले प्रमुख दलित कार्यकर्ता है। वह एक मराठी पत्रिका विद्रोही का संपादक भी है। ढवले गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) एवं प्रिवेंशन ऑफ एट्रॉसिटीज एक्ट का सख्त विरोधी है। माओवादियों से संबंध रखने के कारण वह जनवरी 2011 में एक बार पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। लेकिन मई 2014 में उसे गोंदिया की अदालत ने सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था।

रोना विल्सनः मूल रूप से केरल के रहने वाले रोना विल्सन को आज दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहे जी.एन.साईंबाबा का आजीवन कारावास की सजा पाने के बाद शहरी क्षेत्र में रह रहे माओवादियों एवं नक्सलियों के बीच संवाद का काम विल्सन ही करता रहा है। साईंबाबा को मई 2014 में गिरफ्तार किया गया था एवं पिछले साल मार्च में गढ़चिरोली की अदालत उसे आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है।

एडवोकेट सुरेंद्र गॉडलिंगः सुरेंद्र गॉडलिंग को आज नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। उसकी पहचान नक्सलियों के वकील के रूप में रही है। जी.एन.साईंबाबा सहित गिरफ्तार होने वाले माओवादियों एवं नक्सलियों के मुकदमे वही लड़ता रहा है। शहरों में माओवादी गतिविधियों में शामिल रहने वाले कबीर कला मंच को भी वह अतीत में कानूनी मदद मुहैया कराता रहा है।

शोमा सेनः नागपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर शोमा सेन की पहचान भी वामपंथी अतिवादियों से संबंध रखने वालों की रही है। उसके पति तुषारकांति भट्टाचार्य को भी माओवादी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण गुजरात पुलिस द्वारा एक बार गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

महेश राउतः राउत पिछले कई वर्षों से गढ़चिरोली के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय है। उसे जंगल में सक्रिय नक्सलियों एवं शहरी माओवादियों के बीच की कड़ी के रूप में जाना जाता है। राउत को एक बार पहले भी उसकी एक साथी हर्षाली पोतदार के साथ पुलिस हिरासत में ले चुकी है। लेकिन तब उन दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था।

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