बंगाल की कलंक-कथा
1947 में भारत की आबादी 36 करोड़ थी। 3 करोड़ भाई पाकिस्तान गए, 3 करोड़ भाई पूर्वी पाकिस्तान गए, साढ़े 3 करोड़ भाई यहीं पर रह गए। इसको आप बंटवारा कहते हो! दो नए मुल्कों में भाई बहुसंख्यसक हो गए, भारत नामक तथाकथित सेकुलर राष्ट्र में वो सबसे बड़े अल्प्संख्यंक हो गए और संविधान निर्माण की प्रक्रिया इस सवाल पर आकर ठिठक जाती रही कि इतनी बड़ी आबादी को तुष्ट करने के लिए "कॉमन सिविल कोड" का क्या करें। इसको आप "टू नेशन थ्योरी" कहते हो! पुनश्च-- 1300 सदस्य वाली मुस्लिम लीग ने बीस साल में देश तोड़ दिया था! आधुनिक राजनीति और लोकतंत्र संख्याबल का खेल है! जनसांख्यिकी के सांप का मुंह कुचलना अब ज़रूरी हो गया है! नहीं तो बंग-भंग को "भारत-भंग" बनने से नहीं रोका जा सकेगा! लोहे के दस्ताने पहनकर जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम जो पार्टी लागू कर सकती है, अगले सौ साल तक मेरा वोट उसी को! और मैं देखता हूँ कौन लिबरल सेकुलर इसका विरोध करता है!

- आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक विशेष मजहब के तुष्टीकरण के आगे संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाने में भी कोई डर नहीं
- बंगाल के हालात देखकर 1905 के बंगाल विभाजन के दौर की यादें ताजा हो जाती हैं
- 1905 के बंगाल विभाजन के समय बड़े पैमाने पर हुये हिंदुओं के पलायन के दुखद दृश्य
- 1947 भारत विभाजन - जब देश के कुछ सत्ता लालची नेताओं के कारण 50 लाख निर्दोष हिंदुओं को काट दिया गया था
1947 में भारत की आबादी 36 करोड़ थी। 3 करोड़ भाई पाकिस्तान गए, 3 करोड़ भाई पूर्वी पाकिस्तान गए, साढ़े 3 करोड़ भाई यहीं पर रह गए। इसको आप बंटवारा कहते हो! दो नए मुल्कों में भाई बहुसंख्यसक हो गए, भारत नामक तथाकथित सेकुलर राष्ट्र में वो सबसे बड़े अल्प्संख्यंक हो गए और संविधान निर्माण की प्रक्रिया इस सवाल पर आकर ठिठक जाती रही कि इतनी बड़ी आबादी को तुष्ट करने के लिए "कॉमन सिविल कोड" का क्या करें। इसको आप "टू नेशन थ्योरी" कहते हो! पुनश्च-- 1300 सदस्य वाली मुस्लिम लीग ने बीस साल में देश तोड़ दिया था! आधुनिक राजनीति और लोकतंत्र संख्याबल का खेल है! जनसांख्यिकी के सांप का मुंह कुचलना अब ज़रूरी हो गया है! नहीं तो बंग-भंग को "भारत-भंग" बनने से नहीं रोका जा सकेगा! लोहे के दस्ताने पहनकर जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम जो पार्टी लागू कर सकती है, अगले सौ साल तक मेरा वोट उसी को! और मैं देखता हूँ कौन लिबरल सेकुलर इसका विरोध करता है!
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