21वीं सदी एशिया की होगी, प्रथम प्रवासी भारतीय सांसदों के सम्मेलन में बोले PM मोदी

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21वीं सदी एशिया की होगी, प्रथम प्रवासी भारतीय सांसदों के सम्मेलन में बोले PM मोदीPM Narendra Modi in first persons of Indian Origin (PIO) Parliamentary conference-in-delhi

नयी दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर के प्रवासी भारतीय सांसदों से भारत की प्रगति में हिस्सेदार बनने और देश के आर्थिक विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाने की अपील की।
प्रथम प्रवासी भारतीय सांसद सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में आने वाले निवेश में से आधा पिछले तीन वर्षों में आया है। पिछले वर्ष देश में रिकॉर्ड 16 अरब डालर का निवेश आया। यह सरकार की ओर से दूरगामी नीतिगत प्रभाव वाले निर्णयों के कारण आए हैं जो सुधार और बदलाव के मार्गदर्शक सिद्धांत पर आधारित हैं।
प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा काही गई कुछ मुख्य बातें :
उल्लेखनीय है कि प्रवासी भारतीय सांसदों का यह पहला सम्मेलन है। साल 2003 में प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी। तब यह माना गया था कि चूंकि महात्मा गांधी सबसे प्रमुख प्रवासी थे और वे 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, ऐसे में 9 जनवरी को प्रवासी भारतीयों को समर्पित किया जाए।
सम्मेलन को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी संबोधित किया। इसमें एक सत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरुर भी शामिल हो रहे हैं। इस सत्र की अध्यक्षता राज्यसभा के उपसभापति पी॰जे॰ कुरियन कर रहे हैं। दूसरे सत्र में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार विशेष अतिथि होंगे, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा के उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई कर रहे हैं। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के समापन सत्र में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है।
प्रवासी भारतीय सांसदों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विश्व में भारत का प्रभुत्व बढ़ रहा है और इसका श्रेय किसी को जाता है, तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। भारत आज वैश्विक एजेंडा तय करने वाला देश बनकर उभरा है। जब प्रधानमंत्री जी20 में हिस्सा लेने जाते हैं तब कालेधन के विषय को केंद्र में रखकर बात करते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि वह इस बारे में सिर्फ कह कर नहीं आते बल्कि जब घर लौट कर आते हैं तब नोटबंदी, जीएसटी जैसी साहसिक पहल का निर्णय करते हैं और दुनिया को यह दिखाते हैं कि हम जो कहते हैं, वह करते भी है।
सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री जब हैम्बर्ग जाते हैं तब आतंकवाद से कैसे लड़ा जाए, इस बारे में 11 सूत्री एजेंडा पेश करते हैं। संयुक्त राष्ट्र में जब टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) पर बोलने जाते हैं तब गरीबी उन्मूलन के विषय को सामने रखते हैं। इसके अलावा भी प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहल को आगे बढ़ाने का काम किया।

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