Home > मुख्य समाचार > राष्ट्रीय > "विदेशी चंदा लेना कोई मौलिक अधिकार नहीं": FCRA में बदलाव एवं मौलिक भारत के दृष्टिकोण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
"विदेशी चंदा लेना कोई मौलिक अधिकार नहीं": FCRA में बदलाव एवं मौलिक भारत के दृष्टिकोण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
विदेशी धन के मुक्त और अनियंत्रित प्रवाह में देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना और राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता है


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दिल्ली स्थित 'मौलिक भारत' संस्था का गठन विदेशी चंदे से खड़े किए गए देश विरोधी आंदोलनों के ख़िलाफ़ देश को जागृत करने एवं राष्ट्रवादी व सनातनी दर्शन पर आधारित नीतियो को लागू करवाने हेतु राष्ट्रवादी बुद्धिजीवियों द्वारा किया गया था
विदेशी धन के मुक्त और अनियंत्रित प्रवाह में देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना और राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता है
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