''करोड़ों के चारा घोटाला" मामले में राजद अध्यक्ष लालू यादव को मिली जमानत

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करोड़ों के चारा घोटाला मामले में राजद अध्यक्ष लालू यादव को मिली जमानत

''करोड़ों के चारा घोटाला" मामले में राजद अध्यक्ष लालू यादव को मिली जमानत

झारखंड उच्च न्यायालय (HC) के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने 16 अप्रैल को चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को मिली जमानत दे दी है।

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद जेल से रिहा होने की संभावना है। क्योंकि 73 वर्षीय लालू को चारा घोटाले से जुड़े जिन चार मामलों में दोषी ठहराया गया था उनामे से अन्य तीन मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

अभी जिस केस में जमानत मिली है यह मामला 1991 और 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है, उस समय लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे।

कोर्ट ने लालू को निर्देश दिया है कि वो बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ें, एवं जमानत अवधि के दौरान अपना पता और मोबाइल नंबर भी न बदलें।

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चारा घोटाला मामले में लालू के साथ कब क्या हुया :

जनवरी 1996: पशुपालन विभाग में चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे द्वारा की गई छापेमारी के बाद यह घोटाला प्रकाश में आया।

मार्च 1996: मामले की जाँच के लिए बढ़ते दबाव के बाद पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई की खिंचाई की। सीबीआई ने उस समय मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी जब बिहार और झारखंड दोनों एक एकीकृत राज्य थे।

जून 1997: लालू प्रसाद ने सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में पहली बार इस मामले के एक आरोपी का नाम लिया।

जुलाई 1997: आरोप पत्र और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद, लालू ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को शीर्ष पद पर आसीन किया।

जुलाई 1997: इस्तीफे के बाद, लालू ने सीबीआई अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

अप्रैल 2000: दोनों ने 2000 में सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया। राबड़ी को जमानत मिल गई, जबकि लालू जेल में रहे। एक महीने बाद, पटना हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी जिसे कई बार बढ़ाया गया।

अक्टूबर 2001: बिहार के विभाजन और नए राज्य, झारखंड के गठन के बाद, मामला झारखंड उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया गया।

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फरवरी 2002: चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू की।

दिसंबर 2006: लालू और राबड़ी को निचली अदालत ने अप्रमाणित संपत्ति से संबंधित एक मामले में बरी कर दिया।

मार्च 2012: सीबीआई ने चारा घोटाले के इर्द-गिर्द अपनी पकड़ मजबूत की और लालू यादव और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए।

सितंबर 2013: ट्रायल कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े छह मामलों में से एक में लालू, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया। लालू को रांची जेल भेजा गया और उनकी लोकसभा सदस्यता अयोग्य घोषित कर दी गई, एवं किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई।

दिसंबर 2013: चारा घोटाला मामले में लालू को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

मई 2017: देवघर ट्रेजरी मामले में अलग से मुकदमा चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद चारा घोटाला मामले में मुकदमा शुरू हुआ।

23 दिसंबर, 2017: फैसला सुनाया। सीबीआई अदालत ने लालू और 15 अन्य को दोषी पाया, जिन्हें बिरसा मुंडा जेल भेजा गया। लालू अब चारा घोटाले में छह में से दो मामलों में सजायाफ्ता हैं।

6 जनवरी, 2018: लालू यादव को रांची की विशेष अदालत ने 3.5 साल की जेल की सजा सुनाई।

16 मार्च, 2018: सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू के खिलाफ करोड़ों रुपये के चारा घोटाले के चौथे मामले में फैसला सुनाया।

19 मार्च, 2018: चारा घोटाले से जुड़े चौथे मामले में रांची की एक अदालत ने लालू को दोषी ठहराया। हालांकि, उनके पूर्ववर्ती जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया है।

24 मार्च, 2018: चारा घोटाले से जुड़े चौथे मामले में रांची की अदालत ने लालू को 14 साल की जेल की सजा सुनाई। उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

अप्रैल 2019: सुप्रीम कोर्ट ने राजद प्रमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध किया था, जिसमें दावा किया गया था कि अगर लालू को जमानत दी जाती है तो लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

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जुलाई 2019: देवघर कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू को जमानत दी।

अक्टूबर 2020: झारखंड हाई कोर्ट ने चाईबासा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में लालू को जमानत दी।

दिसंबर 2020: उच्च न्यायालय ने लालू के वकील के अनुरोध के बाद लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई पर छह सप्ताह बाद का समय दिया। प्रसाद के वकील देवर्शी मंडल का कहना था कि उन्हें सीबीआई द्वारा दायर एक पूरक हलफनामे का जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय चाहिए।

जनवरी 2021: स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ने के बाद लालू को एम्स में भर्ती कराया।

फरवरी 2021: उच्च न्यायालय ने दुमका कोषागार मामले में लालू की जमानत याचिका खारिज कर दी। HC का कहना है कि राजद सुप्रीमो को अपने कुल सजा के आधे कार्यकाल को पूरा करने के लिए दो महीने और जेल में काटने होंगे और उसके बाद फिर से जमानत मिल सकती है।

16 अप्रैल 2021: लालू को दुमका कोषागार मामले में जमानत मिली।

यादव रेलवे की निविदाओं के बदले में रिश्वत के रूप में अपने तीन बच्चों को 40 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति हस्तांतरित करने के लिए शेल कंपनी का उपयोग करने के लिए ईडी जांच के तहत भी है। 7 जनवरी, 2018 तक निदेशालय ने संपत्ति को अटैच कर लिया और उनके बच्चों - तेजस्वी यादव, रागिनी यादव और चंदा सिंह को मामले में शामिल कर लिया।

लालू पर 2017 में पटना चिड़ियाघर के "फर्जी" सौंदर्यीकरण योजना के लिए 90 लाख रुपये देने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार 6 जनवरी, 2018 से, पटना चिड़ियाघर मिट्टी घोटाला मामले की जांच बिहार सतर्कता जांच ब्यूरो (VIB) द्वारा की जा रही है। । एक रिपोर्ट के अनुसार 31 मई, 2020 तक, बिहार सरकार ने कहा कि आधिकारिक प्रक्रियाएं प्रथम दृष्टया अनियमितता का सबूत नहीं दिखाती हैं।

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