जिहादी लॉफेयर! जानते हैं क्या है?
इसमें इस्लाम की किसी भी तरह की आलोचना को नस्लवाद और भेदभाव के समकक्ष माना गया, ये हमें कहां ले जा रहा है? अब अगर आपके मुहल्ले में कोई बम फोड़ दे तो आप इसे जिहाद या इस्लामी आतंकवाद नहीं कह सकते। ऐसा कहना इस्लाम की बेईज्जती होगी! इसलिए सतर्क रहें। अगर कल को आप के मुंह से कोई ऐसा शब्द निकल गया और आप मारे गए तो कानूनी तौर पर भी माना जा सकता है कि सबसे बड़े आतंकवादी आप खुद हैं?


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इसमें इस्लाम की किसी भी तरह की आलोचना को नस्लवाद और भेदभाव के समकक्ष माना गया, ये हमें कहां ले जा रहा है? अब अगर आपके मुहल्ले में कोई बम फोड़ दे तो आप इसे जिहाद या इस्लामी आतंकवाद नहीं कह सकते। ऐसा कहना इस्लाम की बेईज्जती होगी! इसलिए सतर्क रहें। अगर कल को आप के मुंह से कोई ऐसा शब्द निकल गया और आप मारे गए तो कानूनी तौर पर भी माना जा सकता है कि सबसे बड़े आतंकवादी आप खुद हैं?
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