• पुलवामा अटैक : ये हाथ किसके साथ ?

    पाकिस्तान जिहादी देश है। वो जिहाद कर रहा है। हमेशा जानता है कि युद्ध में बुरी से बुरी स्थिति में पासा कैसे पलटा जाए। संसद पर हमला याद करें। तब अफगानिस्तान पर अमेरिका ने हमला किया था। पाकिस्तान को किसी तरह जिहादियों को वहां से बचा कर अपने घर लाना था। इसलिए जैश से संसद पर हमला कराया। हमने पूरी सेना...

  • धर्मनिरपेक्षों..... इतना तो मत हंसाओ

    साफ है कि चुनावी मौसम आ गया है। अभी चर्च ने चिट्ठी लिख कर शुरुआत की है। देखते रहिए, कुछ ही दिन बाद दस आईएएस अफसर, फिर दस आईपीएस अफसर, फिर कथित संस्कृति कर्मी, कला कर्मी, साहित्यकार और पुराने सत्ता प्रतिष्ठान के वफादार लाभार्थी बुद्धिजीवी एक-एक कर चिट्ठी लिखेंगे। और अप्रैल-मई 2019 में सोनिया जी 10...

  • किस्सा ए हिजरा : कॉमिकल, पार्ट-3

    1920 की बातें तो नई लग सकती हैं पर हिजरा की एक छोटी मोटी कोशिश 2014 में भी हुई थी। हालांकि इस बार मामला इस्लाम खतरे में है, का नहीं बल्कि शिया-सुन्नी जंग का नतीजा था। मामला कागजी रह गया लेकिन दावे तो दोनों ने ही अपने दस-दस लाख वालंटियर इराक भेजने के किए थे। मई 2014 में इराक के शहर...

  • किस्सा-ए-हिजरा: पार्ट-2

    एक व दो जून, 1920 को इलाहाबाद में हुई खिलाफत कमेटी की बैठक में खिलाफत कमेटी के एक नेता ने गुस्से में कसम खाई की मुसलमान हिजरा के लिए अफगानिस्तान जाएंगे और वहां की फौज में भर्ती होने के बाद भारत पर हमला कर इसे अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराएंगे। हिंदुओं व सिखों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई जिसके बाद...

  • किस्सा ए हिजरा : पार्ट-1

    ये लंबी पोस्ट तो बस किस्से की पहली किस्त है। 14 अगस्त, 1920 को खैबर दर्रे के गेट पर गजब नजारा था। रंगबिरंगे झंडों, बैनरों, गाजे बाजे और हथियारों से लैस सात हजार पख्तून अफगानिस्तान में घुसने के लिए गेट पर चपे हुए थे। उधर 50 के करीब अफगानी गार्ड दहशत में थे लेकिन हिम्मत बांध के...

  • कला बनाम संस्कृति : फ्रैकफर्ट स्कूल की नजर में

    1923 में कुछ वामपंथी विचारकों, सांस्कृतिक आलोचकों और समाजशास्त्रियों ने मिलकर फ्रैकफर्ट में Institute of Social Research की स्थापना की जिसे हम फ्रैंकफर्ट स्कूल के नाम से जानते हैं। इस संस्थान की स्थापना उन थ्योरी वीरों ने की थी जो मार्क्स की भविष्यवाणी फेल हो जाने से सदमे में थे। इनका अटल विश्वास था...

  • "तुम्हारी पालिटिक्स हम भी समझते हैं कामरेड"

    शिव भक्त, जनेऊधारी और परशुराम के वंशज परम पंडित राहुल गांधी की मंदिर -मंदिर यात्राओं के बावजूद कृपा नहीं बरसी। उनके भक्तों को भी अंदेशा हो चुका था और अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाल दी थी कि ईवीएम के वोटों का पेपर ट्रेल यानी वीवीपैट पर्ची के 25 प्रतिशत का मिलान किया जाए। याचिका...

  • जिहादी लॉफेयर! जानते हैं क्या है?

    जिहादी लॉफेयर! जानते हैं क्या है?कुछ लोग समझते हैं कि इधर साल दो साल से हमारे शहरों में बम नहीं फूट रहे हैं तो इसका मतलब यही हुआ कि जिहाद की लौ मद्धिम पड़ने लगी है। राष्ट्रवादी कहेंगे मोदी का कमाल है, तो लाल वाले कहेंगे कि जिहाद कहां था, वो तो पथ से भटके गरीब युवा कभीकभार बम फोड़ देते हैं। उन्हें...

  • अलीबाबा और 32 ठग

    देश में कुछ चंद नेहरूवियन सेक्यूलरिस्टों का नाम लेकर देखें तो आम तौर पर दिमाग में जो नाम आते हैं उनमें एक विलियम डैलरिंपल का भी होगा। भले ही अंग्रेज हों पर ज्यादा जीवन दिल्ली में गुजारा है। इतिहासकार हैं और अतीतजीवी भी। उनकी नजर में भव्यता और दिव्यता सिर्फ इस्लामी आर्किटेक्चर और भांति भांति के कबाब...

  • हिंदू रणनीतिक संस्कृति

    पिछले दो-चार दशकों में अध्ययन की एक नई विधा ने जोर पकड़ा है और वह है रणनीतिक संस्कृति (strategic culture)। यह मूलत: इस बात का अध्ययन है कि युद्ध के लिए किस देश का समाज कितना तत्पर है और किस तरह से लड़ता है और वहां की सामाजिक राजनीतिक व्यवस्था इसमें कितनी सहायक होती है। यहां कल्पनाशीलता की ज्यादा...

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