मोदी जी : "कांग्रेस वाली तुष्टीकरण" की राह छोड़नी होगी
बड़े मज़े की बात है कि अस्सी प्रतिशत बहुसंख्यक आबादी के वोट हासिल करने के लिए भारतीय राजनीति में कोई लामबंद नहीं होता। अब तो तथाकथित सांस्कृतिक राष्ट्रवादी दल ने भी उसको किनारे कर दिया है। सारे गठजोड़ सत्रह प्रतिशत वोटबैंक के लिए हैं। वही भारतीय राजनीति को संचालित कर रहा है। और यह भारत के सांप्रदायिक विभाजन के बाद की जनसांख्यिकीय विडम्बना है! भारत नियति!

बड़े मज़े की बात है कि अस्सी प्रतिशत बहुसंख्यक आबादी के वोट हासिल करने के लिए भारतीय राजनीति में कोई लामबंद नहीं होता। अब तो तथाकथित सांस्कृतिक राष्ट्रवादी दल ने भी उसको किनारे कर दिया है। सारे गठजोड़ सत्रह प्रतिशत वोटबैंक के लिए हैं। वही भारतीय राजनीति को संचालित कर रहा है। और यह भारत के सांप्रदायिक विभाजन के बाद की जनसांख्यिकीय विडम्बना है! भारत नियति!
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Tags: #मुस्लिम तुष्टीकरण#कांग्रेस#भाजपा#नरेंद्र मोदी#राहुल गांधी#2019 लोकसभा चुनाव#1947 भारत विभाजन#pakistan#बांग्लादेश#बंगाल