प्रिय, सुज़न्ना अरुंधती रॉय के नाम खुला पत्र
बच्चों के लिए माओं की चिंताएं और उनके देख-रेख के तरीके आपको 'आतंक' समान लगते हैं। यह कहना आपके लिए काफ़ी आसान है क्योंकि आप क्या जाने एक माँ का दर्द, आपके पास तो ऐसी कोई ज़िम्मेदारी ही नहीं। कभी हमारे जवानों की विधवाओं से मिल लीजिये, जो युद्ध में अपने पतियों को खो देने के बाद अकेले ही बच्चों की परवरिश करती हैं।

- Suzanna Arundhati Roy an anti nationalist who is friend of terror minded people
- सूजन्ना अरुंधति रॉय एक ऐसा नाम जिसे देश के विरुद्ध साजिश करने वालों का घनिष्ठ मित्रा कहा जा सकता है
बच्चों के लिए माओं की चिंताएं और उनके देख-रेख के तरीके आपको 'आतंक' समान लगते हैं। यह कहना आपके लिए काफ़ी आसान है क्योंकि आप क्या जाने एक माँ का दर्द, आपके पास तो ऐसी कोई ज़िम्मेदारी ही नहीं। कभी हमारे जवानों की विधवाओं से मिल लीजिये, जो युद्ध में अपने पतियों को खो देने के बाद अकेले ही बच्चों की परवरिश करती हैं।
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