जम्मू कश्मीर : भय बिनु होइ न प्रीत
"एक निशान, एक विधान, एक प्रधान" का नारा बुलंद करने वाले पं. श्यामाप्रसाद मुकर्जी की आत्मा उस दिन अवश्य रोई होगी, जिस दिन कश्मीर के चुनावों के बाद "दो निशानों" के साथ नई हुक़ूमत ने राष्ट्रवादी पार्टी के समर्थन से शपथ ग्रहण की थी। एक तरफ़ हिंदुस्तान का झंडा था और हिंदुस्तान के वज़ीरे-आज़म नरेंद्र मोदी बैठे थे। दूसरी तरफ़ कश्मीर का झंडा था और कश्मीर के नए सद्रे-रियासत मुफ़्ती मोहम्मद सईद शपथ ग्रहण कर रहे थे। मानो, यह भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह नहीं, किसी राष्ट्रप्रमुख से भारत की "बायलैटरल" वार्ता हो।

- एक देश में दो झंडे क्यूँ?
"एक निशान, एक विधान, एक प्रधान" का नारा बुलंद करने वाले पं. श्यामाप्रसाद मुकर्जी की आत्मा उस दिन अवश्य रोई होगी, जिस दिन कश्मीर के चुनावों के बाद "दो निशानों" के साथ नई हुक़ूमत ने राष्ट्रवादी पार्टी के समर्थन से शपथ ग्रहण की थी। एक तरफ़ हिंदुस्तान का झंडा था और हिंदुस्तान के वज़ीरे-आज़म नरेंद्र मोदी बैठे थे। दूसरी तरफ़ कश्मीर का झंडा था और कश्मीर के नए सद्रे-रियासत मुफ़्ती मोहम्मद सईद शपथ ग्रहण कर रहे थे। मानो, यह भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह नहीं, किसी राष्ट्रप्रमुख से भारत की "बायलैटरल" वार्ता हो।
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